नई पुस्तकें >> कुछ दिल ने कहा कुछ दिल ने कहाप्रियंका जोधावत
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कला, साहित्य और प्रकृति के अनछुए रंगों से सजा अद्भुत सफ़र।
प्रियंका ने जिस सहज लेखनी से अहसासों को अभिव्यक्त किया, वह सरल नहीं है। प्रियंका स्वयं जितनी ख़ूबसूरत, उसके विचार भी उतने ही ख़ूबसूरत… उम्दा जानकारी से भरपूर। कला, साहित्य एवं प्रकृति के विषय में बारीक जानकारी और वह भी एक ही पुस्तक में, यह सब सोचकर ही असीम आनंद की अनुभूति हो रही है। संगीत और साहित्य के प्रति समझ और सोच से निरंतर आगे बढ़ो। ‘जुस्तजू-ए-जुलाई’ और ‘शुभ्र हो तुम, स्निग्ध हो’ आलेख में अपने संगीत क साथ संदर्भों और प्रसंगों में जीवन के विभिन्न रंगों, भावों के स्पन्दन के बहते प्रवाह से अद्भुत लेखन का सर्जन किया है। ‘रविश-रविश है इंतजार’ आलेख में जिस खूबसूरती के साथ प्रकृति का चित्रण है उतना ही ‘हम बेखुदी में….’ आलेख संगरोधनकाल की गहराई को समेटे है।
– डॉ. शशि-सतीश देपाल
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